Sunday, August 19, 2007

गुरुदेव जी की आरती




श्री गुरुदेव जी की आरती :-



ॐ जय गुरू बलिहारी, स्वामी जय गुरू बलिहारी !

जय जय मोह विनाशक, भव बन्धन हारी! ॐ जय गुरू......



ब्रह्मा , विष्णु, सदाशिव, गुरू मूरत धारी ! स्वामी गुरू ......

वेद, पुराण बखाने, गुरू महिमा भारी ! ॐ जय गुरू......



जप तप तीरथ सयंम, दान विविध दीजै! स्वामी दान......

गुरू बिन ज्ञान न होवे, कोटी जतन कीजै! ॐ जय गुरू......


मोह नदी में, जीव बहे सारे ! स्वामी जीव......

नाम जहाज बिठाकर, गुरू पल में तारे ! ॐ जय गुरू......


काम, क्रोध, मद, मत्सर, चोर बड़े भारी ! स्वामी चोर......

ज्ञान खड्ग ले कर में, गुरू सब संहारे ! ॐ जय गुरू......



नाना पंथ जगत में, निज-निज गुण गावें! स्वामी निज......

सब का सार बताकर, गुरू मारग लावें! ॐ जय गुरू......



गुरू चरणामृत निर्मल, सब पातक हारी! स्वामी सब......

सुनत बचन तम नासे , सब संशय हारी ! ॐ जय गुरू......


तन मन धन सब अर्पण, गुरू चरनन कीजै ! स्वामी गुरू......

ब्रह्मानंद परमपद, मोक्ष गति दीजै ! ॐ जय गुरू......